Tomato Farming
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Tomato Farming: बेहतरीन टमाटर की खेती ऐसे करें!

Tomato Farming: अगर हम टमाटर की खेती की बात करें तो टमाटर की खेती भी एक प्रमुख फसल है। क्योंकि यह जो टमाटर है उसमें पौष्टिकता की मात्रा एकदम भरपूर मात्रा में पाई जाती है। यह टमाटर जो है वह शहरों में सालों भर पाई जाती है।

सब्जियों में अगर हम बात करें तो आलू के बाद टमाटर का ही स्थान आता है। इसीलिए हमारे किसान भाई टमाटर की खेती को करना बहुत ही पसंद करते हैं और Tomato Farming करके टमाटर को अत्यधिक मात्रा में उपजाते हैं।

टमाटर के उपयोग

Tomato Farming: टमाटर उपयोगिता की अगर बात की जाए तो हम टमाटर को बहुत ही भिन्न-भिन्न प्रकार से अलग-अलग रूपो में उपयोग में लाते हैं। जैसे की अगर हम चाहे तो इस टमाटर का सूप, सलाद, चटनी, सॉस तथा दूसरी सब्जियों के साथ मिला करके इसको खाद्य पदार्थ के रूप में हम प्रयोग कर सकते हैं।

साथ ही साथ और भी बहुत सारी सब्जियां हैं जिनमे हम इस टमाटर को मिलाकर सब्जी को एक बेहतरीन सब्जी का रूप दे सकते हैं। अगर चिकन, मटन की बात करें या फिर मछली की तो उसमें भी हम इस टमाटर का प्रयोग कर सकते हैं।

अगर हम इस टमाटर को लेकर के पौष्टिकता की बात करें तो इस टमाटर में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन एवम अम्लो की विभिन्न मात्राएं भरपूर पाए जाते हैं। जैसे कि अगर हम Tomato Farming से प्राप्त टमाटर में पाए जाने वाले अम्ल की बात करें तो टमाटर में बहुत प्रकार के अम्ल पाए जाते है। जैसे- ऑक्सालिक अम्ल,साइट्रिक अम्ल, मैलिक अम्ल तथा एस्कार्बिक अम्ल इत्यादि।

टमाटर की खेती (Tomato Farming) हेतू उपयुक्त मिट्टी एवम उचित समय

Tomato Farming: टमाटर खेती के लिए हम सभी किसान भाई अगर Tomato Farming की बात करें तो Tomato Farming किसी भी मिट्टी पर की जा सकती है। टमाटर की खेती जो है वह ठंड के मौसम में दिनांक 15 दिसंबर से लेकर के दिनांक 15 जनवरी तक Tomato Farming कर सकते हैं। वहीं पर हम अगर गर्मी के मौसम की बात करें तो Tomato Farming के लिए मार्च से लेकर अप्रैल तक का समय बहुत अच्छा होता है।

आइये अब हम बरसात की बात करते हैं तो बरसात के समय में Tomato Farming को दिनांक 15 जुलाई से लेकर के दिनांक 15 अगस्त तक टमाटर को अपने खेतों में बुवाई कर सकते हैं। इसके अलावा अगर हम चाहे तो माह सितंबर से लेकर के माह फरवरी तक भी Tomato Farming की खेती कर सकते हैं।

जलवायु

Tomato Farming: Tomato Farming के लिए अगर हम जलवायु की जिक्र करें तो टमाटर को सही मात्रा में तैयार होने के लिए आदर्श रूपी जो तापमान है वह खेतों को 21 डिग्री सेल्सियस से लेकर के 27 डिग्री सेल्सियस तक प्राप्त होनी चाहिए।

Tomato Farming के दौरान जब टमाटर का कलर हल्का-हल्का लाल आने लगे तो उस समय टमाटर को बेहतरीन लाल रूपी प्राप्त होने के लिए तापमान जो है वह 21 डिग्री सेल्सियस से लेकर 24 डिग्री सेल्सियस तक अगर खेतों में प्राप्त होता है तो हमारे टमाटर की लालीपन एवम टमाटर बहुत ही सुंदर रूप में विकसित होती है। जिसके फल स्वरुप सर्दियों के मौसम में यह फल बहुत ही मीठे रूप में पाए जाते हैं।

Tomato Farming हेतू उन्नत किस्म के बीज

  1. Tomato Farming हेतू देसी बीज:- Tomato Farming हेतू अगर हम अपने किसान भाइयों को उन्नत किस्म के बीज के बारे में जानकारी दें तो इसमें देसी बीज में उन्नत किस्म के जो बीज पाए जाते हैं। उसमें पूसा रूबी, पूसा-120, पूसा शीतल, पूसा गौरव, पूसा सौरभ और पूसा विकास तथा सोनाली। यह सभी बीज देसी रूपी Tomato Farming के लिए किसान भाइयों हेतू बहुत ही बेहतरीन किस्म के बीज हैं। जिनका प्रयोग करके अच्छी से अच्छी फसल सफलता पूर्वक उगाई जा सकती है।
  2. Tomato Farming हेतू संकर बीज:- Tomato Farming के लिए किसान भाइयों को अगर उन्नत किस्म के एक प्रकार की और बीज की बात की जाए तो बहुत से प्रकार के हाइब्रिड बीज बाजार में मौजूद होते हैं। जो हमारे किसान भाइयों के लिए बहुत ही लाभकारी रूप में उपयोगी होते हैं। ऊपर हमने आपको देसी बीज के बारे में जानकारियां प्रदान करवाई हैं। लेकिन अब हम आपको हाइब्रिड के कुछ किस्म के बीज के बारे में जानकारियां देंगे। जिन्हें संकर किस्म के बीज के नाम से भी जानते हैं। संकर किस्म के बीज में अनेकों प्रकार के हाइब्रिड बीज पाए जाते हैं ।जैसे की पूसा हाइब्रिड-01, पूसा हाइब्रिड-02, पूसा हाइब्रिड-04, अविनाश 02, रश्मि, निजी क्षेत्र में शक्तिमान, रेड गोल्ड, 501, 2535, उत्सव, अविनाश, चमत्कार, यू.एस.-440 इत्यादि।

Tomato Farming हेतू नर्सरी एवम बुवाई

Tomato Farming:- Tomato Farming हेतू सभी किसान भाइयों को अपने खेत को Tomato Farming हेतू तैयार करने के लिए हम आपको उस प्रक्रिया से आपको अवगत करवा दें। जिनसे आपकी खेती बेहतर रूप से Tomato Farming के लिए तैयार हो जाएगी। सबसे पहले आपको अपने खेत को अच्छी तरह से जुताई करवा लेनी है।

मिट्टी को पूरा भुर-भूरा रूप में बना लेने के उपरांत अपने खेत में जैविक खाद यानी की सड़े हुए गोबर खेतों के अनुसार डाल दें या फिर उसके बदले में आप वर्मी कोपोस्ट (vermi compost) का इस्तेमाल अपने खेतों में कर सकते हैं। इन खादो को अपने खेतो में डालने के उपरांत आप अपने खेतों की पुनः एक बार खूब अच्छी तरह से जुताई रोटावेटर के जरिए करवा लें।

रोटावेटर से जुताई करवाने से यह फायदा होता है कि हमारे खेतों की मिट्टी एकदम बढ़िया रूप से भुर-भुरा मात्रा में हमें तैयार प्राप्त देखने को मिलती है। जब हमारे खेत में जैविक खाद पूर्ण रूप से सम्मिलित हो जाए तो उसके बाद हम अपने खेतों से खरपतवार को अच्छे ढंग से चुन के बाहर निकाल देंगे। तत्पश्चात आगे की प्रक्रिया को अपनाएंगे।

Tomato Farming हेतू आगे की प्रक्रिया निम्नलिखित है:-

  1. सबसे पहले अपने खेतों को नर्सरी का एक रूप बना देंगे।
  2. तैयार की गई नर्सरी में एक मीटर से लेकर के 3 मीटर तक की ऊंचाई वाली  क्यारियां तैयार कर लेंगे।
  3. तैयार किए हुए नर्सरी के क्यारियों  में अपने बीजों को 3 सेंटीमीटर से लेकर के 5 सेंटीमीटर की दूरी पर बुवाई करेंगे।
  4. बुवाई के तत्पश्चात क्यारियों के ऊपरी सतह को गोबर के खाद या मिट्टी से ढक देंगे।
  5. कुछ दिनों के बाद आपको उसके उपर बीज तैयार निकले हुए दिखाई देंगे।
  6. तैयार बीज के ऊपर हर 8 से 10 दिन पर मेटालोक्सिल या डायथेन एम- 45 का छिड़काव करेंगे।
  7. उसके बाद तैयार बीज को अपने अनुसार खेतों में 75 सेमी की कतार बनाते हुए 60 सेमी के फासले पर तैयार पौधे की बुवाई अपने खेतों में आसानी पूर्वक कर लेंगे।

Tomato Farming

Tomato Farming हेतू सिंचाई

Tomato Farming:- Tomato Farming के लिए तैयार बीज को पौधे के रूप में प्राप्त किए हुए बीज को खेतो में बुवाई के उपरांत अगर हम सिंचाई की बात करें तो सर्दियों के मौसम में प्रत्येक 10 से 15 दिन पे एवम वही पे अगर हम गर्मियों के मौसम की बात करें तो गर्मियों के मौसम में प्रत्येक 5 से 7 दिन के अंतराल में हल्का हल्का पानी का छिड़काव करते रहें। अगर संभव हो सके तो हमारे किसान भाइयो को पानी की छिड़काव को ड्रिप इरिगेशन सिस्टम के जरिए करनी चाहिए।

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Tomato Farming हेतू मिट्टी चढ़ाव एवम पौधा स्टेकिंग प्रक्रिया

Tomato Farming:- Tomato Farming के दौरान जब हमारे खेतों में टमाटर के पौधे पूर्ण रूप से तैयार हो जाते हैं एवं पौधे बड़े-बड़े हो जाते हैं । तब उस पौधों पर फल एवं फुल आने से पहले मिट्टी चढ़ाना एवं पौधों को सहारा देना अति आवश्यक होता है। पौधों को सहारा देने से हमें यह फायदा होता है कि पौधे से तैयार फल, मिट्टी एवं पानी के संपर्क में नहीं आते हैं। जिससे हमारे फल सड़ने गलने से एवं नुकसान होने से बच जाते हैं।

पौधों को सहारा देने के लिए अगर आप किसान भाई चाहे तो अपने खेतों में बांस को गाड़ करके उसमें तार को बांध दे।उसके बाद धागा के माध्यम से तैयार पौधों को तार में हल्का-हल्का रूप से बांध दें। ताकि पौधे को मजबूत रूप से सहारा मिल सके। यह प्रक्रिया आप सभी किसान भाई बीज के बुवाई के 38 दिन से लेकर के 44 दिन के बाद अपना सकते हैं। इस प्रक्रिया को स्टेकिंग प्रक्रिया कहा जाता है।

खरपतवार नियंत्रण

Tomato Farming हेतू खरपतवार नियंत्रण के लिए निम्नलिखित उपाय को अपनाए:-

  1. आवश्यकता अनुसार फसलों की निराई एवं गुड़ाई करते रहें।
  2. फूल तथा फल फसलों में उग जाने के बाद निराई एवं गुड़ाई की प्रक्रिया को नहीं अपनाए।
  3. खेत को तैयार करते समय तैयार करने के बाद 7 दिन के अंदर अपने खेत में रासायनिक दवा जैसे की फ्लूक्लोरिन या पेंडिमिथेलिन की छिड़काव करें।
Tomato Farming के दौरान खेतो मे लगाने वाले प्रमुख कीट एवम रोग:-

प्रमुख कीट:- फलछेदक कीट, तंबाकू की झिल्ली, सफेद मक्खी, हरा तैला इत्यादि।

प्रमुख रोग:-आर्द्र गलन, डैंपिंग ऑफ, झुलसा या ब्लाइट एवम फल सड़न इत्यादि।

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